BETET Result : टीईटी रिजल्ट : अब होगी शिक्षक बनने की हसरत पूरी
मुजफ्फरपुर, काप्र : टीईटी परीक्षा का परिणाम वास्तव में चौंकानेवाला है। अपेक्षाकृत कम रिजल्ट ने ज्यादातर प्रतियोगियों को दुख पहुंचाया है। वहीं जो पास हुए हैं, वे खुश हैं। यहां प्रस्तुत है कुछ सफल प्रतियोगियों से बातचीत का अंश :-
सरैया के नलिनी रंजन अपनी सफलता पर कहते हैं कि उन्होंने टीईटी पास करने का लक्ष्य बनाकर तैयारी की थी। वे मानते हैं कि परिणाम बहुत कम आया है। लेकिन जिन्होंने ईमानदारी से मेहनत की थी, वे पास हुए। मेहनत कभी निष्फल नहीं जाता।
मोतीझील के सतीश कुमार का कहना है कि परीक्षा को उत्तीर्ण होने के श्रेय वैसे तो की गई मेहनत को जाता है। लेकिन इसमें बड़ों का आशीर्वाद भी कम नहीं है। टीईटी की तैयारी में उन्होंने स्वाध्याय को ज्यादा महत्व दिया था। उन्हें उम्मीद है कि अब वे कहीं शिक्षक बनकर समाज की सेवा करेंगे।
सुजावलपुर (सरैया) के भुवनेश्वर कुमार बताते हैं कि वे शोध के छात्र हैं। टीईटी की तैयारी सिलेबस के मुताबिक और पूरे आत्मविश्वास के साथ की थी। परिणाम सुखद आया। लक्ष्य तो प्राध्यापक बनने का है। मगर शिक्षक बनने का अवसर मिलेगा, तो पीछे मुड़कर नहीं देखूंगा।
ब्रह्मापुरा की शाइस्ता कलीम का कहना है कि उन्होंने एकाग्रचित होकर एवं लक्ष्य को सामने रखकर परीक्षा की तैयारी की थी। इसमें परिजनों का भी सहयोग मिला। बचपन की ख्वाहिश है कि शिक्षिका बनूं। लगता है अब वह ख्वाहिश शायद जल्द पूरी होगी।
आरएसएस कॉलेज चोचहां के बीएससी के छात्र राजेश शर्मा बताते हैं कि वे इंगलिश मीडियम के छात्र हैं। इंगलिश मीडियम से ही टीईटी की तैयारी की थी। मगर परीक्षा हिन्दी मीडियम से ली गई। कई प्रश्न समझ में नहीं आया। फिर भी परिणाम सुखद है। फर्स्ट टाइम ही किसी कंप्टीशन में बैठे थे।
गोखुला के (पारू) की शुभ्रांशु शुभम का कहना है कि शुरू से ही उनकी अभरुचि शिक्षा के प्रति सकारात्मक थी। क्योंकि यही एक ऐसा धन है जो बांटने से कभी नहीं घटता। टीईटी का अवसर आया तो सीधे हाथ इसे स्वीकार कर लिया। पूरी तन्मयता के साथ तैयारी की।
भागवतपुर के विनय कुमार बताते हैं कि ईमानदारी से की गई मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। टीईटी का नतीजा इसी का परिणाम है। उन्होंने इसके लिए जीतोड़ मेहनत की थी। सिलेबस के मुताबिक विषयों की तैयारी की। मुट्ठी भर परिणाम में भी सफलता मिली।
कच्ची पक्की के अमित कुमार गुप्ता बताते हैं कि उन्होंने कोचिंग करके टीईटी एक्जाम की तैयारी की थी। एक विज्ञापन कंपनी में काम करते हुए भी टीईटी के लिए समय निकाला। देर रात तक जगकर प्रश्नोत्तरों को याद किया। आखिरकार मेहनत सफल हुई।
टीईटी का हो पुनर्मूल्यांकन :
मुजफ्फरपुर, काप्र : टीईटी के असफल अभ्यर्थियों ने मूल्यांकन में भेदभाव बरतने का आरोप लगाया है। ब्रह्मापुरा के प्रभात कुमार व अघोरिया बाजार के राजेश कुमार का कहना है कि परीक्षा परिणाम के देखने से यह पता चलता है कि इसमें भेदभाव बरता गया है। इतना कम रिजल्ट आना इसकी ओर संकेत करता है। वहीं सहबाजपुर की अंजलि कुमारी, अभिलाषा कुमारी व मौसम कुमारी का कहना है कि उन लोगों ने जमकर तैयारी की थी। परीक्षा देने के बाद भी संतोष था। मगर परिणाम देखकर निराशा हाथ लगी है। इसमें जरूर कोई बात है जो इस अनुपात में रिजल्ट आया है। इसका पुनर्मूल्यांकन होना चाहिए।
News : Jagran (26.5.12)
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