पटना, जागरण ब्यूरो : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों के लगभग 1.12 लाख रिक्त पदों को भरने के लिए आयोजित टीईटी-एसटीईटी परीक्षा के नतीजों की घोषणा अब 25 मई तक हो सकेगी। प्रदेश के बाहर ओएमआर शीट की स्क्रीनिंग कर रही कंपनी के साफ्टवेयर में कोई तकनीकी गड़बड़ी के चलते 7 मई तक अब परिणामों की घोषणा नहीं की जा सकेगी। परीक्षा समिति के सचिव ललन झा ने बताया कि वैसे भी 30 लाख ओएमआर शीट को जांच कर पाना उतना सहज काम नहीं है। वैसे कंपनी को काम सही तरीके से करने के निर्देश दिये गये हैं |
उधर एक अन्य प्रदेश में उत्तीर्णता प्रमाण पत्र की छपाई का काम चल रहा है। 25 मई तक परिणामों की घोषणा हो जाने के आसार हैं।
टीईटी व एसटीईटी के रिजल्ट की तैयारी की प्रगति की समीक्षा की समीक्षा के लिए शिक्षा मंत्री पी.के.शाही की अध्यक्षता में गुरुवार को बैठक आहूत की गई है। इस बार टीईटी परीक्षा के प्रश्न काफी कठिन थे लिहाजा उत्तीर्णाक लाना उतना सहज नहीं होने वाला है। सामान्य कोटि के अभ्यर्थियों के लिए उत्तीर्णाक 60 तथा एससी-एसटी के लिए 55 रखा गया है। लिहाजा पैनल कोई विशाल नहीं होने वाला है। थोक भाव में शिक्षकों का नियोजन नई नियमावली के आधार पर तैयार मेधा सूची से होना है। नियमावली छप चुकी है मगर आलम यह है कि उसके मुद्रित बंडल अभी विभाग में ही पड़े हुए हैं। उन्हें जिलों को उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। हाल में 34,540 शिक्षकों की एकमुश्त बहाली में विभाग के पसीने छूट गये। अभी भी उनमें 30 हजार की ही बहाली हुई है, उनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं हो सका है। ऐसे में एक लाख से अधिक शिक्षकों का एक साथ नियोजन कैसे संभव हो सकेगा ,यह सोच कर विभाग के अफसरों के हाथ-पांव फूल रहे हैं। पूर्व में जो शिक्षक नियोजित हो चुके हैं उन्हें भी नियमित रूप से वेतन का भुगतान नहीं हो रहा है
News : Jagran (9.5.12)
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