Tuesday, May 22, 2012

BETET : पात्रता परीक्षा रद किये जाने को ले अभ्यर्थियों में रोष

BETET : पात्रता परीक्षा रद किये जाने को ले अभ्यर्थियों में रोष

बिहारशरीफ, जागरण प्रतिनिधि : नालंदा जिले का बिहार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा रद किये जाने को लेकर रविवार को स्थानीय श्रम कल्याण केन्द्र में अभ्यर्थियों की बैठक हुई। बैठक में सरकार व प्रशासन के निर्णय पर अभ्यर्थियों में काफी आक्रोश है। परीक्षाफल के समय अचानक परीक्षा रद किये जाने को लेकर अभ्यर्थियों ने इसे हैरतअंगेज व साजिशपूर्ण घटना करार दिया है। अभ्यर्थियों ने कहा कि यदि नालंदा के छात्रों को इंसाफ नहीं मिला तो सड़क पर उतर कर आंदोलन करने को विवश होंगे। आंदोलन को धारदार बनाने के लिए 23 मई को तमाम अभ्यर्थियों की बैठक स्थानीय श्रम कल्याण केन्द्र में बुलायी गयी है। इस मौके पर अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष सहित जिले के तमाम पदाधिकारियों को ज्ञापन सौंप कर परीक्षा रद किये जाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है। बैठक को इनकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल पटेल, ब्रजमोहन कुमार, शशि कुमार, ज्योति रंजन, अनुप लाल, पृश्वी राज, नीतीश कुमार, कपिल कुमार, मनोरंजन कुमार, राजीव कुमार, अनीता कुमारी, कुमारी संघमित्रा, अंजना कुमारी, नीलिमा कुमारी आदि अभ्यर्थियों ने संबोधित किया।

News : Jagran (22.5.12)

Sunday, May 20, 2012

RTE : बालिका प्रारंभिक शिक्षा में धरी रह गई 68 फीसद राशि



RTE : बालिका प्रारंभिक शिक्षा में धरी रह गई 68 फीसद राशि

रांची : बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से संचालित राष्ट्रीय बालिका प्रारंभिक शिक्षा कार्यक्रम (एनपीईजीईएल) में पिछले वित्तीय वर्ष (2011-12) में मात्र 32.39 फीसद राशि खर्च हुई। 67.61 प्रतिशत राशि राज्य सरकार खर्च नहीं कर पाई। 2011-12 में सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार ने इस कार्यक्रम के लिए 17 करोड़ 80 लाख 98 हजार रुपये के बजट की स्वीकृति दी थी। इनमें से 64.45 लाख रुपये पिछले वित्तीय वर्ष (2010-11) के स्पिल ओवर के रूप में मिले, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में 17 करोड़ 16 लाख 53 हजार रुपये मिले थे। कुल 17 करोड़ 80 लाख 98 हजार रुपये में से 12 करोड़ 04 लाख रुपये राज्य सरकार खर्च नहीं कर सकी। इस राशि में से 2012-13 में मात्र 57 लाख 01 हजार रुपये स्पिल ओवर के रूप में मिले। शेष राशि केंद्र सरकार के पास धरी रह गई। उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम के तहत 2012-13 में 16 करोड़ 32 लाख 10 हजार रुपये का अलग से बजट स्वीकृत हुआ है।

चौथाई राशि खर्च करने में भी छूटा पसीना

रांची : राष्ट्रीय बालिका प्रारंभिक शिक्षा कार्यक्रम (एनपीईजीईएल) में आठ जिलों का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। इनमें देवघर, सिमडेगा, रामगढ़, लोहरदगा, गोड्डा, पलामू, गढ़वा व कोडरमा शामिल हैं। इन जिलों ने 2011-12 वित्तीय वर्ष में तो बीस फीसद भी राशि खर्च नहीं की है। तीन जिलों में तो दस फीसद भी राशि खर्च नहीं हुई। सबसे खराब प्रदर्शन कोडरमा का रहा। मात्र दो जिले दुमका व गुमला में ही 50 फीसद से अधिक राशि खर्च हुई। आठ जिलों में बीस से 40 फीसद राशि खर्च हुई थी। वित्तीय सत्र के बाद दिनों में भी कोई खास खर्च नहीं हो पाया।

किस कारण यह स्थिति

-अधिकांश जिलों में प्रखंड स्तर के पदाधिकारी तथा जिला स्तर के पदाधिकारियों के बीच समन्वय नहीं।

-मूल्यांकन व रिपोर्टिग की सही प्रक्रिया नहीं अपनाई जाती है।

क्या है एनपीईजीईएल

सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत इस कार्यक्रम के तहत स्कूल से बाहर की बालिकाओं की पहचान कर विभिन्न माध्यमों से न केवल उन्हें शिक्षित किया जाता है, बल्कि छोटे-छोटे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों से भी जोड़ा जाता है। बालिकाओं को मशरुम उत्पादन, प्राकृतिक खाद निर्माण, पेंटिंग, सिलाई, कढ़ाई आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। बालिकाओं को शैक्षणिक भ्रमण भी कराया जाता है।


News : Jagran (20.5.12)

Saturday, May 19, 2012

BETET : टीईटी परिणाम देख भौचक हैं छात्र


BETET : टीईटी परिणाम देख भौचक हैं छात्र

मधेपुरा, निस. : बिहार प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2011 का परिणाम देखकर कई अभ्यर्थी हतोत्साहित और भौंचक है। पीड़ित अभ्यर्थी कहां शिकायत करें इसके लिए कोई हेल्प लाइन नजर नहीं आ रही है।

जिले के सिंहेश्वर प्रखंड अंतर्गत सिरसिया गांव निवासी अभ्यर्थी विनय कुमार सिंह (क्रमांक-2003115605) जब इंटरनेट के माध्यम से निकले अंक-पत्र को देखा तो उस पर 'एटेंडेंस मिसमैच' का रिमा‌र्क्स लिखा मिला। श्री सिंह का कहना है कि उन्होंने परीक्षा के दौरान निरीक्षक द्वारा दिये गये उपस्थिति पंजी पर अपना हस्ताक्षर किया था। इसके अलावा परीक्षा के दौरान हुए वीडियोग्राफी से भी उनकी उपस्थिति का पता लगाया जा सकता है। उन्होंने परीक्षा परिणाम पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा इस तरह के परिणाम से धांधली की बू आती है। इसके अलावा धीरेन्द्र कुमार सिंह कुमार ममता, संजय तिवारी, नीतीश कुमार, संजीत कुमार सिंह, बिट्टू कुमार सिंह, नीरज कुमार यादव आदि अभ्यर्थियों ने परीक्षा परिणाम पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि 24 लाख अभ्यर्थियों में इतने कम अभ्यर्थियों का पास करना उनके समझ के परे है। इससे पता चलता है कि परीक्षा परिणाम में बड़े पैमाने पर धांधली बरती गई है।

News : Jagran (19.5.12)

Thursday, May 17, 2012

BETET Result 2011-2012 @ biharboard.net – Bihar TET & STET Results 2011 -Passing/Qualifying Marks, Answer Key & Certificate – BTET Result Declared


BETET Result 2011-2012 @ biharboard.net – Bihar TET & STET Results 2011 -Passing/Qualifying Marks, Answer Key & Certificate – BTET Result Declared

Download Results
BETET EXAM 2011
BETET EXAM 2011 (Bihar Elementary Teacher Eligibility Test 2011) was conducted by SCERT Bihar and Bihar School Education Board. It was held on 21 & 22 December 2011. All most 200000 candidates not allowed due to rejection form of BETET 2011.
Download results @ http://www.biharboard.net/tetresult.html
BETET EXAM 2011 ANSWER KEY-
BETET 2011 It may be declared by coaching institute, book publisher and institute.
You can check answer key on www.biharboard.net
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tetadmidcard2011,
BETET Result-2011
Teacher evaluation list for Intermediate exam- 2012
Teacher evaluation list for matric exam-2012

Wednesday, May 16, 2012

BETET Result : टीईटी रिजल्ट : अब होगी शिक्षक बनने की हसरत पूरी


BETET Result : टीईटी रिजल्ट : अब होगी शिक्षक बनने की हसरत पूरी

मुजफ्फरपुर, काप्र : टीईटी परीक्षा का परिणाम वास्तव में चौंकानेवाला है। अपेक्षाकृत कम रिजल्ट ने ज्यादातर प्रतियोगियों को दुख पहुंचाया है। वहीं जो पास हुए हैं, वे खुश हैं। यहां प्रस्तुत है कुछ सफल प्रतियोगियों से बातचीत का अंश :-

सरैया के नलिनी रंजन अपनी सफलता पर कहते हैं कि उन्होंने टीईटी पास करने का लक्ष्य बनाकर तैयारी की थी। वे मानते हैं कि परिणाम बहुत कम आया है। लेकिन जिन्होंने ईमानदारी से मेहनत की थी, वे पास हुए। मेहनत कभी निष्फल नहीं जाता।

मोतीझील के सतीश कुमार का कहना है कि परीक्षा को उत्तीर्ण होने के श्रेय वैसे तो की गई मेहनत को जाता है। लेकिन इसमें बड़ों का आशीर्वाद भी कम नहीं है। टीईटी की तैयारी में उन्होंने स्वाध्याय को ज्यादा महत्व दिया था। उन्हें उम्मीद है कि अब वे कहीं शिक्षक बनकर समाज की सेवा करेंगे।

सुजावलपुर (सरैया) के भुवनेश्वर कुमार बताते हैं कि वे शोध के छात्र हैं। टीईटी की तैयारी सिलेबस के मुताबिक और पूरे आत्मविश्वास के साथ की थी। परिणाम सुखद आया। लक्ष्य तो प्राध्यापक बनने का है। मगर शिक्षक बनने का अवसर मिलेगा, तो पीछे मुड़कर नहीं देखूंगा।

ब्रह्मापुरा की शाइस्ता कलीम का कहना है कि उन्होंने एकाग्रचित होकर एवं लक्ष्य को सामने रखकर परीक्षा की तैयारी की थी। इसमें परिजनों का भी सहयोग मिला। बचपन की ख्वाहिश है कि शिक्षिका बनूं। लगता है अब वह ख्वाहिश शायद जल्द पूरी होगी।

आरएसएस कॉलेज चोचहां के बीएससी के छात्र राजेश शर्मा बताते हैं कि वे इंगलिश मीडियम के छात्र हैं। इंगलिश मीडियम से ही टीईटी की तैयारी की थी। मगर परीक्षा हिन्दी मीडियम से ली गई। कई प्रश्न समझ में नहीं आया। फिर भी परिणाम सुखद है। फ‌र्स्ट टाइम ही किसी कंप्टीशन में बैठे थे।

गोखुला के (पारू) की शुभ्रांशु शुभम का कहना है कि शुरू से ही उनकी अभरुचि शिक्षा के प्रति सकारात्मक थी। क्योंकि यही एक ऐसा धन है जो बांटने से कभी नहीं घटता। टीईटी का अवसर आया तो सीधे हाथ इसे स्वीकार कर लिया। पूरी तन्मयता के साथ तैयारी की।

भागवतपुर के विनय कुमार बताते हैं कि ईमानदारी से की गई मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। टीईटी का नतीजा इसी का परिणाम है। उन्होंने इसके लिए जीतोड़ मेहनत की थी। सिलेबस के मुताबिक विषयों की तैयारी की। मुट्ठी भर परिणाम में भी सफलता मिली।

कच्ची पक्की के अमित कुमार गुप्ता बताते हैं कि उन्होंने कोचिंग करके टीईटी एक्जाम की तैयारी की थी। एक विज्ञापन कंपनी में काम करते हुए भी टीईटी के लिए समय निकाला। देर रात तक जगकर प्रश्नोत्तरों को याद किया। आखिरकार मेहनत सफल हुई।

टीईटी का हो पुनर्मूल्यांकन : 
मुजफ्फरपुर, काप्र : टीईटी के असफल अभ्यर्थियों ने मूल्यांकन में भेदभाव बरतने का आरोप लगाया है। ब्रह्मापुरा के प्रभात कुमार व अघोरिया बाजार के राजेश कुमार का कहना है कि परीक्षा परिणाम के देखने से यह पता चलता है कि इसमें भेदभाव बरता गया है। इतना कम रिजल्ट आना इसकी ओर संकेत करता है। वहीं सहबाजपुर की अंजलि कुमारी, अभिलाषा कुमारी व मौसम कुमारी का कहना है कि उन लोगों ने जमकर तैयारी की थी। परीक्षा देने के बाद भी संतोष था। मगर परिणाम देखकर निराशा हाथ लगी है। इसमें जरूर कोई बात है जो इस अनुपात में रिजल्ट आया है। इसका पुनर्मूल्यांकन होना चाहिए।

News : Jagran (26.5.12)

BETET Result : टीईटी परिणाम : खुशी कम, ज्यादा गम

BETET Result : टीईटी परिणाम : खुशी कम, ज्यादा गम


सिवान, संसू : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) परिणाम जानने के लिए जिले के बेरोजगार की फौज पौ फटते ही अखबार की खोज में इधर-उधर घूमते नजर आये। ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र व उनके अभिभावकों, अखबार की खोज में डोर-टू-डोर भटकते दिखाई दिए। वहीं कई परीक्षार्थी शहर में निवास करने वाले परिचित छात्रों से मोबाइल पर जानकारी प्राप्त करते रहे। जो परीक्षार्थी सफल वे मिठाईयां खुश होकर मिठाईयां बांटने मे लगे थे, और जो फेल हुए मायूस होकर घर लौट रहे थे।

महिलाओं में भी ज्यादा मायूसी : टीईटी परीक्षा में शामिल हुए वैसे महिला अभ्यर्थी जो गृहिणी भी थी सिर्फ पेपर एक की परीक्षा दी थी उन्हें भी निराशा ही हाथ लगी। वहीं नियमित रूप से अध्ययनरत महिला छात्रों को ही सफलता मिली जो उत्साहजनक रही।

असमंजस की स्थिति रही परीक्षार्थियों में :

वैसे परीक्षार्थी जिन्होंने पेपर वन व पेपर टू दोनों की परीक्षा दी थी, लेकिन उनका परिणाम सिर्फ पेपर वन में निकला। इसको लेकर वे असमंजस की स्थिति में है। क्योंकि आगामी निकलने वाली नियुक्ति में वे आवेदन के हकदार है कि नहीं।

इनसेट

मेधावी छात्रों को मिली सफलता

सिवान, संसू : टीईटी परीक्षा परिणाम चौंकाने वाली रही। दो भागों (प्राथमिक एवं मध्य) टीईटी परीक्षा के लिए जिले में लगभग 88 हजार छात्र सम्मिलित हुए जिसमें पेपर वन में लगभग 820 परीक्षार्थी तथा पेपर 2 एवं 7 में 551 परीक्षार्थी तथा कुल लगभग 3420 परीक्षार्थी सफल हुए। एक सर्वे अध्ययन के मुताबिक वैसे छात्र ही सफल हुए जो अत्यंत मेधावी के साथ शिक्षण कार्य में अध्ययनरत थे। शिक्षाविद् बताते है कि यह परीक्षा परिणाम विशुद्ध रहा जो शिक्षा की सही आईना पेश किया है। काश! इसी तरह हुई होती डीपीई परीक्षा परिणाम तो उसके नतीजे भी कुछ इसी तरह हुए थे। फर्जीवाड़ा की गुंजाइश ही नहीं रहती।

इनसेट

साइबर व अखबार से चिपके दिखे अभ्यर्थी

महाराजगंज (सिवान), निसं : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का परिणाम घोषित होते ही शिक्षक बनने की लालसा रखे पुरुष महिलाओं में मंगलवार की सुबह से ही साइबर कैफे एवं अखबार की दुकान में भीड़ देखी गयी। सबकी एक ही उत्सुकता थी कि उनका परीक्षा परिणाम आ जाए। बहुत अभ्यर्थी पेपर देखने के पहले भगवान की आराधना करते दिखे। परिणाम की प्रतिशत कम होने से ज्यादातर अभ्यर्थियों में साफ मायूसी झलक रही थी। ज्ञात हो कि परीक्षा फार्म भरने से लेकर प्रवेश पत्र लेने एवं परीक्षा देने तक अभ्यर्थियों में शिक्षक बनने की ललक देखी गयी थी लेकिन परिणाम घोषित होने के बाद सब सपना बेकार हो गया।


News : Jagran (15.5.12)

Monday, May 14, 2012

BETET Result - Bihar Primary Level Teacher Result only - 2.81 Percent, Boys - 3.59 Percent, Girls - 1.57 Percent


BETET Result : टीईटी में सिर्फ 5.5 % पास

Bihar Primary Level Teacher Result only - 2.81% , Male Candidates Pass Percentage - 3.59, Female Pass Percentage - 1.57
प्रथम पत्र में मात्र 2.81 प्रतिशत ही अभ्यर्थी उत्तीर्ण हो पाये, जिसमें पुरुषों का प्रतिशत 3.59 तथा महिलाओं का प्रतिशत 1.57 रहा.


न्यूज़ साभार - समय लाइव .कॉम  
BETET RESULT LATEST NEWS | BETET EXAM 2011-2012 |  BIHAR TET RESULT 2012 


बिहार प्रारंभिक पात्रता परीक्षा में मात्र 5.52 प्रतिशत अभ्यर्थी उत्तीर्ण घोषित किये गये हैं.

उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में 6.61 प्रतिशत पुरुष तथा 3.70 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा तैयार परीक्षाफल को शिक्षा मंत्री पीके शाही ने सोमवार को जारी किया.
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शिक्षक पात्रता परीक्षा का नतीजा जारी करते मंत्री पीके शाही. 
साथ में अन्य अधिकारीगण

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उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या 147984 रही, जिसमें 110649 पुरुष तथा 37335 महिला अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं. इस परीक्षा में प्रथम एवं द्वितीय पत्रों को मिलाकर कुल 2680337 अभ्यर्थी सम्मिलित हुए थे. इसमें 1672085 पुरुष एवं 1008252 महिला अभ्यर्थी शामिल थे.

इस मौके पर मंत्री ने बताया कि इस परीक्षा में करीब चार हजार अभ्यर्थियों का परीक्षाफल उनकी कॉपी गुम हो जाने के कारण नहीं निकाला जा सका है. वहीं माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की पात्रता परीक्षा में छूटे अभ्यर्थी करीब एक लाख आठ हजार हैं.

इन दोनों की परीक्षा जून माह में ली जायेगी. मंत्री ने बताया कि करीब पन्द्रह हजार परीक्षार्थियों का  परीक्षाफल कतिपय कारणों से रोक कर रखा गया है, जिसमें प्रथम पत्र में करीब 13334 तथा द्वितीय पत्र में 1690 अभ्यर्थियों का परीक्षाफल लंबित है.

मंत्री ने बताया कि उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के मुताबिक शिक्षकों का पद रिक्त है. यह दक्षता  परीक्षा हर साल होनी है. उन्होंने बताया कि अगले तीन-चार माह में शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ की जायेगी. इसके लिए जिला से रिक्तियां मांगी गयी हैं.

एक सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि अभ्यर्थियों की मेघा उत्तीर्णता प्रतिशत कम होने का कारण है. हालांकि उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा से बिहार में अधिक उत्तीर्णता का प्रतिशत रहा है. उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों को परेशानी से बचाने के लिए परीक्षाफल को वेबसाइट  www.biharboard.net पर भी जारी कर दिया गया है.

उन्होंने बताया कि प्रारंभिक पात्रता परीक्षा के प्रथम पत्र में कुल 2530979 अभ्यर्थी थे, जिसमें से 2162929 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए हैं. इसमें 1320730 पुरुष एवं 842199 महिला अभ्यर्थी सम्मिलित हुए, जिसमें 47469 पुरुष एवं 13261 महिला अभ्यर्थी उत्तीर्ण हैं.

प्रथम पत्र में मात्र 2.81 प्रतिशत ही अभ्यर्थी उत्तीर्ण हो पाये, जिसमें पुरुषों का प्रतिशत 3.59 तथा महिलाओं का प्रतिशत 1.57 रहा. इसी तरह द्वितीय पत्र में उत्तीर्णता का प्रतिशत 16.86 पर ही आकर अटक गया. यहां भी पुरुषों का उत्तीर्णता प्रतिशत 17.98 रहा जबकि महिलाओं का उत्तीर्णता प्रतिशत 14.49 आंका गया. द्वितीय पत्र में 517408 अभ्यर्थी शामिल हुए थे.
मंत्री ने बताया कि उच्च व उच्चतर माध्यमिक पात्रता परीक्षा का परिणाम एक सप्ताह में घोषित कर दिया जायेगा. प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्रथम पेपर की वर्ग एक से पांच तथा द्वितीय पेपर वर्ग छह से आठ वर्ग के शिक्षक बनने के लिए ली गयी थी.

News : SamayLive.com (15.5.12)