Bihar SSC : ये कैसी परीक्षाः नहीं हुआ कोई भी फेल, सबने पाई नौकरी
न्यूज़ साभार - अमर उजाला (17.3.13)
ये कैसी परीक्षाः नहीं हुआ कोई भी फेल, सबने पाई नौकरी
पीयूष पांडेय / नई दिल्ली| : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में सात वर्ष पहले आयोजित की गई राज्य कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की परीक्षा में सही और गलत, दोनों जवाब देने वाले अभ्यर्थियों को नौकरी पर रखने का आदेश दिया है। साथ ही नए सिरे से परीक्षा कराने के हाईकोर्ट के आदेश को रद्द भी कर दिया है।
गौरतलब है कि अगस्त, 2006 बिहार में जूनियर इंजीनियर की 220 पोस्ट के लिए राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने परीक्षा कराई थी। मूल्यांकन में हुई गड़बड़ी के कारण परीक्षा में गलत उत्तर देने वाले अभ्यर्थियों को नौकरी पर रख लिया गया और सही उत्तर देने वाले नौकरी से वंचित रह गए।
इस मामले में दाखिल एक याचिका में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सभी पदों पर नए सिरे से परीक्षा कराने का आदेश दिया था।
हालांकि, अब सर्वोच्च अदालत ने परीक्षा के बाद जूनियर इंजीनियर नियुक्त हुए गलत जवाब देने वालों को नौकरी से न हटाने का आदेश दिया है। साथ ही सही जवाब देने वालों को भी नियुक्ति करने का निर्देश दिया है।
सर्वोच्च अदालत ने गलत जवाब देने के बावजूद नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों की ओर से दायर याचिकाओं को स्वीकार करते हुए कहा कि वैकल्पिक प्रश्नों के जवाब में तैयार की गई उत्तर पुस्तिका में सही के स्थान पर गलत उत्तर लिखे जाने की भूल के चलते यह परेशानी खड़ी हुई।
इसमें गलत और सही जवाब देने वाले अभ्यर्थी पूरी तरह से निर्दोष हैं क्योंकि इस मामले में कोई भी अनियमितता या धोखाधड़ी नहीं की गई। लेकिन उत्तर-पुस्तिका में भूलवश गड़बड़ी होने से गलत जवाब देने वाले अभ्यर्थियों को नौकरी के लिए चुन लिया गया, जबकि सही जवाब देने वाले दुर्भाग्य से बाहर हो गए।
जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने बिहार में अगस्त 2006 में हुई राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में पटना हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेश को दरकिनार कर दिया है।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सभी पदों पर नए सिरे से परीक्षा कराने का आदेश दिया था।
पीठ ने कहा है कि सात साल पहले 220 पदों पर जूनियर इंजीनियर नियुक्त किए जा चुके परीक्षार्थियों को हटाया जाना उचित नहीं होगा। लेकिन सही जवाब देने वाले उन परीक्षार्थियों को भी नियुक्ति किया जाए जो उत्तर पुस्तिका की गलती की वजह से बाहर हो गए थे।