BETET जाली प्रमाण पत्र से बने एक हजार से अधिक शिक्षक
पटना । बिहार के शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल ने आज स्वीकार किया कि जाली प्रमाण पत्र के आधार पर एक हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति का मामला प्रकाश में आया है।
बिहार विधान परिषद में राजद सदस्य संजय प्रसाद द्वारा पूरे राज्य खासकर जमुई, लखीसराय, शेखपुरा एवं मुंगेर जिलों में बड़े पैमाने पर जाली प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षकों के नियोजन के बारे में पूछे गए तारांकित प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल ने स्वीकार किया कि जाली प्रमाण पत्र के आधार पर एक हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति का मामला प्रकाश में आया है।
उन्होंने बताया कि शेखपुरा जिला के शिक्षा पदाधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार चवारा और अरयरी प्रखंड में क्रमश: दो और एक मामले संज्ञान में आए हैं, जिनका नियोजन रद्द करने के लिए नियोजन इकाई को लिखा गया है। साथ ही तीनों का वेतन बंद कर दिया गया है।
पटेल ने बताया कि मुंगेर जिला के शिक्षा पदाधिकारी के प्रतिवेदन के अनुसार बरियापुर प्रखंड के पांच शिक्षकों का जाली टीईटी प्रमाणपत्र के आधार पर नियोजन किए जाने की सूचना कार्यालय को मिली थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए संबंधित शिक्षकों एवं पंचायत सचिव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि लखीसराय जिला में अपीलीय प्राधिकार द्वारा तीन शिक्षकों के प्रमाणपत्र जाली पाए जाने के कारण उन्हें शिक्षण कार्य से हटा दिया गया है और उनको पूर्व में भुगतान किए गए मानदेय की वसूली प्रक्रियाधीन है।
पटेल ने बताया कि जमुई के जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र का मिलान इंटरनेट के जरिए किया गया है। इसमें 89 प्रमाणपत्र गलत पाए गए, जिसके बाद नियोजन इकाई से स्पष्टीकरण मांगते हुए सेवा समाप्ति की कार्रवाई करने तथा उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश शिक्षा पदाधिकारी ने दिया है। मंत्री के इस जवाब से असंतुष्ट संजय यादव के इस संबंध में पूरक प्रश्न पूछे जाने पर मंत्री ने यह स्वीकार किया कि वे आंशिक रूप से स्वीकारते हैं कि जाली प्रमाणपत्र पर नियुक्तियां हुई हैं। लेकिन यह कहना गलत है कि सभी नियुक्तियां ऐसे ही प्रमाणपत्रों पर हुईं।
प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी के वर्ष 2014 के पूर्व हुई शिक्षक बहाली में जाली प्रमाणपत्र के आधार पर नियोजन की जानकारी विभाग के पास होने के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने स्वीकार किया कि जाली प्रमाणपत्र के आधार पर एक हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति का मामला प्रकाश में आया है।
सुशील के यह कहने पर कि जांच होने पर इस आंकड़े के 21 हजार से ऊपर पहुंचने की संभावना है, मंत्री ने कहा कि वे इसकी जांच करा रहे हैं और सदन के सदस्य संजय यादव द्वारा जमुई के शिक्षा पदाधिकारी के खिलाफ लगाए गए आरोपों की पुष्टि होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। (भाषा) 11 July 2014
पटना । बिहार के शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल ने आज स्वीकार किया कि जाली प्रमाण पत्र के आधार पर एक हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति का मामला प्रकाश में आया है।
बिहार विधान परिषद में राजद सदस्य संजय प्रसाद द्वारा पूरे राज्य खासकर जमुई, लखीसराय, शेखपुरा एवं मुंगेर जिलों में बड़े पैमाने पर जाली प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षकों के नियोजन के बारे में पूछे गए तारांकित प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल ने स्वीकार किया कि जाली प्रमाण पत्र के आधार पर एक हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति का मामला प्रकाश में आया है।
उन्होंने बताया कि शेखपुरा जिला के शिक्षा पदाधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार चवारा और अरयरी प्रखंड में क्रमश: दो और एक मामले संज्ञान में आए हैं, जिनका नियोजन रद्द करने के लिए नियोजन इकाई को लिखा गया है। साथ ही तीनों का वेतन बंद कर दिया गया है।
पटेल ने बताया कि मुंगेर जिला के शिक्षा पदाधिकारी के प्रतिवेदन के अनुसार बरियापुर प्रखंड के पांच शिक्षकों का जाली टीईटी प्रमाणपत्र के आधार पर नियोजन किए जाने की सूचना कार्यालय को मिली थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए संबंधित शिक्षकों एवं पंचायत सचिव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि लखीसराय जिला में अपीलीय प्राधिकार द्वारा तीन शिक्षकों के प्रमाणपत्र जाली पाए जाने के कारण उन्हें शिक्षण कार्य से हटा दिया गया है और उनको पूर्व में भुगतान किए गए मानदेय की वसूली प्रक्रियाधीन है।
पटेल ने बताया कि जमुई के जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र का मिलान इंटरनेट के जरिए किया गया है। इसमें 89 प्रमाणपत्र गलत पाए गए, जिसके बाद नियोजन इकाई से स्पष्टीकरण मांगते हुए सेवा समाप्ति की कार्रवाई करने तथा उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश शिक्षा पदाधिकारी ने दिया है। मंत्री के इस जवाब से असंतुष्ट संजय यादव के इस संबंध में पूरक प्रश्न पूछे जाने पर मंत्री ने यह स्वीकार किया कि वे आंशिक रूप से स्वीकारते हैं कि जाली प्रमाणपत्र पर नियुक्तियां हुई हैं। लेकिन यह कहना गलत है कि सभी नियुक्तियां ऐसे ही प्रमाणपत्रों पर हुईं।
प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी के वर्ष 2014 के पूर्व हुई शिक्षक बहाली में जाली प्रमाणपत्र के आधार पर नियोजन की जानकारी विभाग के पास होने के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने स्वीकार किया कि जाली प्रमाणपत्र के आधार पर एक हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति का मामला प्रकाश में आया है।
सुशील के यह कहने पर कि जांच होने पर इस आंकड़े के 21 हजार से ऊपर पहुंचने की संभावना है, मंत्री ने कहा कि वे इसकी जांच करा रहे हैं और सदन के सदस्य संजय यादव द्वारा जमुई के शिक्षा पदाधिकारी के खिलाफ लगाए गए आरोपों की पुष्टि होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। (भाषा) 11 July 2014
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