Friday, May 23, 2014

Bihar Teacher Recruitment Madhymik Shikshak Niyojan from 26th May 2014

Bihar Teacher Recruitment Madhymik Shikshak Niyojan from 26th May 2014 

http://betet-bihar.blogspot.com/

टीईटी / CTET  / TET Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News / BETET


अधिसूचित नियुक्ति नियामवली 2014 के आलोक में जिलावार 


माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन हेतु कैम्प 


आयोजन का कार्यक्रम के संबंध में !

Link : http://www.educationbihar.gov.in/LetterPdf/21May2014111134.pdf


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Bihar Teacher Recruitment Madhymik Shikshak Niyojan / shikshak niyojan

Bihar Teacher Recruitment Madhymik Shikshak Niyojan / shikshak niyojan







Saturday, May 17, 2014

News : हार से जेडीयू में मचा हाहाकार, नीतीश ने दिया इस्तीफा

News : हार से जेडीयू में मचा हाहाकार, नीतीश ने दिया इस्तीफा
इस्तीफा देकर बोले नीतीश, उम्मीद है अच्छे दिन आएंगे


नीतीश ने लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद इस्तीफा देने का फैसला किया। बीजेपी से गठबंधन टूटने की कीमत जेडीयू को चुकानी पड़ी है। उसे सिर्फ 2 सीटें ही मिली हैं। यहां तक कि शरद यादव भी पप्पू यादव के हाथों हार झेलनी पड़ी है। पार्टी की फजीहत देख नीतीश ने इस्तीफा देने का फैसला कर लिया



लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस्तीफा


नीतीश कुमार के इस्तीफे के एक कारण बिहार विधानसभा में जेडीयू का पूर्ण बहुमत नहीं होना है. वर्तमान विधानसभा में जेडीयू के 116 विधायक है. हालांकि तकनीकी रूप से अगर देखें तो पार्टी के पास केवल 112 विधायक ही हैं. बीजेपी से अलग होने के बाद जेडीयू के पास 117 विधायक थे. तब से लेकर नीतीश कुमार ने 5 विधायकों को पार्टी से निकाल दिया है. इस तरह जेडीयू के पास अब केवल 112 विधायक हैं.





बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है. लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी जेडीयू के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया.





बीजेपी नेता रामेश्वर चौरसिया ने कहा, 'नीतीश कुमार हमेशा दूसरों के सहारे रहे हैं. उनमें अकेले खड़े रहने की हिम्मत नहीं है. पहले लालू के सहारे मंत्री बने. फिर हमारे सहारे बिहार के मुख्यमंत्री बने. आज जब बिहार में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बढ़ी है तो उन्हें अपनी जमीन खिसकती नजर आ रही है. खुद पीएम बनने का सपना पालने लगे थे अब जमीनी हकीकत का पता चला तो इस्तीफा देकर पिंड छुड़ा लिया.




बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने तो यहां तक दावा कर दिया कि उनके संपर्क में जेडीयू के करीब 50 विधायक हैं. वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. दूसरी तरफ, हाल ही में एनडीए में शामिल होने वाले एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान ने अपनी पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद शनिवार को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने समर्थकों को चेताया था कि बिहार में सरकार कभी भी गिर सकती है. अक्टूबर तक चुनाव हो सकते हैं. इसलिए एनडीए कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए.
राजनीतिक विरोधि‍यों ने नीतीश कुमार के इस्तीफे को सियासी ढोंग करार दिया है. उन्होंने सवाल उठाया है कि नीतीश ने करारी हार के बाद सहानुभूति पाने के लिए ऐसा किया है. पर उन्हें कोई फायदा नहीं मिलने वाला.



इस्तीफा देकर बोले नीतीश, उम्मीद है अच्छे दिन आएंगे

हम जनमत का सम्मान करते हैं : नीतीश कुमार


इस्तीफे के बाद नीतीश ने कहा, 'मैं चुनाव में हार की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं और मैंने नैतिकता और सिद्दांत के आधार पर अपना इस्तीफा दिया है।'

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पत्रकारों के सामने आकर अपनी प्रतिक्रिया तो नहीं दी है, लेकिन उन्होंने सोशल साइट 'फेसबुक' पर जनमत के प्रति सम्मान प्रकट किया है। नीतीश ने फेसबुक पर लिखा, 'हम जनमत का सम्मान करते हैं। जय बिहार, जय भारत।' 


 नीतीश ने शाम 5 बजे प्रेस कांफ्रेंस कर अपने इस्तीफे की पुष्टि की। नीतीश ने कहा कि बिहार में अपनी पार्टी का चुनाव का मैं नेतृत्व कर रहा था। जो नतीजे आए उसकी जिम्मेदारी मैं लेता हूं। हमने सारी मर्यादाओं का पालन करते हुए चुनाव लड़ा। नीतीश ने कहा कि पूरा का पूरा चुनावी अभियान में मुद्दों पर चर्चा कम, नीतियों पर बातें कम, आरोप प्रत्यारोप ज्यादा, व्यक्तिगत टिप्पणियां ज्यादा रहा। इस तरह का चुनाव प्रचार मैंने अपने राजनीतिक जीवन में नहीं देखा


विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने हार का ठीकरा नीतीश कुमार पर फोड़ते हुए कहा था कि पार्टी के अंदर अव्यवस्था का बोलबाला है। किसी भी फैसले से पहले विधायकों-मंत्रियों से राय नहीं ली जाती। दो दिन पहले भी कैबिनेट की बैठक में मंत्री रमई राम भीम सिंह और नीतीश मिश्रा आपस में भिड़ गए थे। तीसरी बार बने मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बिहार में यह तीसरा कार्यकाल है। पिछले सात सालों के अलावा वर्ष 2000 में उन्होंने सात दिन के लिए बिहार की बागडोर संभाली थी। इसके बाद वर्ष 2005 में भाजपा के साथ मिलकर उन्होंने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। वर्ष 2010 का चुनाव भी वे भाजपा के साथ मिलकर लड़े और अपार सफलता पाई। लेकिन, बाद में नरेंद्र मोदी की भाजपा में पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में ताजपोशी के बाद उन्होंने राजग से नाता तोड़ लिया था।





Friday, May 16, 2014

बिहार में कौन जीता कौन हारा

News : बिहार में कौन जीता कौन हारा

क्षेत्र     -      हार      -        जीत

सारण -राबड़ी देवी - राजीव प्रताप रूडी

सुपौल -कामेश्वर चौपाल- रंजीता रंजन

पाटलिपुत्र- मीसा भारती - रामकृपाल यादव

गोपालगंज- डा. ज्योति- जनक राम

समस्तीपुर- अशोक कुमार- रामचंद्र पासवान

भागलपुर-शाहनवाज हुसैन -बुलो मंडल

महराजगंज-प्रभुनाथ सिंह- जर्नादन सिग्रिवाल

उजियारपुर -अलोक कुमार मेहता- नित्यानंद राय

मधेपुरा-शरद यादव -पप्पू यादव

दरभंगा-एमएए फातिमी -कीर्ति झा आजाद

सीतामढ़ी - सीताराम यादव- रामकुमार शर्मा

झंझारपुर -देवेद्र यादव- विरेंद्र कुमार चौधरी

पश्चिम चंपारण- प्रकाश झा -संजय जायसवाल

पू. चंपारण अवनीश सिंह राधामोहन सिंह

वाल्मीकि नगर- पूर्णमासी राम- सतीश चंद्र दूबे

बक्सर जगदानंद सिंह अश्वनी चौबे

आरा भगवान सिंह कुशवाहा आरके सिंह

शिवहर शाहिद अली खां रमा देवी

बांका पुतुल कुमारी जय प्रकाश यादव

हाजीपुर राम सुंदर दास रामविलास पासवान

जमुई उदय नारायण चौधरी चिराग पासवान

सासाराम मीरा कुमार छेदी पासवान

काराकाट कांति सिंह उपेंद्र कुशवाहा

औरंगाबाद निखिल कुमार सुशील कुमार सिंह

मधुबनी अब्दुल बार सिद्दीकी हुकुमदेव नारायण

बेगूसराय तनवीर हसन भोला सिंह

पूर्णिया उदय सिंह संतोष कुमार

वैशाली रघुवंश सिंह रामा सिंह

मुजफ्फरपुर अखिलेश सिंह अजय निषाद

खगड़िया दिनेश चंद्र यादव महबूब अली कैसर

पटना साहिब कुणाल शत्रुघ्न सिन्हा

किशनगंज दीलिप जायसवाल असरारूल हक

अररिया प्रदीप चौधरी तस्लीमुद्दीन

गया जितन मांझी हरि मांझी

नवादा राजबल्लभ गिरिराज सिंह

मुंगेर ललन सिंह वीणा देवी




Wednesday, May 14, 2014

MUST READ STORY FREOM ARVIND KEJRIWAL's BOOK SWARAJ

MUST READ STORY FREOM ARVIND KEJRIWAL's BOOK SWARAJ

 Excerpts from Swaraj ( A Book of Arvind Kejriwal)


केजरीवाल की बुक स्वराज मेँ जनतंत्र की उत्पत्ति के सम्बन्ध में एक कहानी (कहा गया है कि जनतंत्र अंग्रेजो की देन नहीं , वस्तुत यह भारत में
पहले भी था और यह बुद्ध के जमाने से चला आ रहा  है ) :-
एक वैशाली के राजा के यहाँ जन सभा चल रहीं थी , सारे नगर के लोग व राजा बैठें हुए थे ।
कुछ व्यक्ति एक लड़की की  इशारा करके कहते हैं कि आप हमारे नगर की नगर वधू बन जाइए ।  वो लङकी  कहती है ठीक है , मेँ 
नगर वधू बन जाऊंगी लेकिन मेरी एक शर्त है मुझे राज़ा का राजमहल चाहिए । अगर आप मुझे राजमहल दे दें तो मे नगर कि नगर वधु बनने के लिये तैयार हूँ ।

वहां पर प्रस्ताव रखा जाता है कि आज से इस राजा का  राजमहल उस लड़की का हुआ ।
 राजा वहीँ बैठा हुआ था और सब कुछ सुन रहा था । वो सकपका जाता है , बेचैन होता है और कहता है - "ऐसा कैसे हुआ , ये तो मेरा राजमहल है ।
आप मेरा राजमहल इस लड़की को कैसे दे सकते हैं ?"

तो जनता कहती है = ये आपका राजमहल नहीं है । ये राजमहल हम लोगों ने आपको दिया है । हमारे पैसे से यह राजमहल  बना ।
आज इस देश की जनता ये राजमहल   वापस ले कर इस लड़की को  दे रहीं है ।

अगर आपको राजमहल चाहिए तो आप अपने लिये दूसरा राजमहल बनवा लीजीए

और इस प्रकार राजा को राजमहल खाली करना पड़ा और अपने लिये दूसरा राजमहल  बनवाना पङा ।

किसी लड़की को नगर वधू बनाना गलत प्रथा है , लेकिन उस समय की राजनीती में जनता की ताकत का अंदाजा हम इस उदाहारण से लगा सकते हैं ।

हमारे देश के राष्ट्रपति के पास  इतना बड़ा बंगला है । दिल्ली के बीचो  बीच 340 एकड़ जमीन पर राष्ट्रपति का बंगला  है । और देश की 40 फीसदी आबादी
झुग्गी झोपड़ी में कुलबुला रही है । कीड़े मकोड़ों की तरह रहती है ।

दो गज जमीन नहीं है उनके पास सोने के लिये ।

अगर हम लोग प्रस्ताव पास करें कि हमारे देश के राष्ट्रपति को छोटे बंगले में चले जाना चाहिए ,
तो आपको क्या लगता है वह मानेंगे ?

बिलकुल नहीं मानने वाले

नई दिल्ली में अफसरों के , मंत्रियों के इतने बड़े बड़े बंगले हैं । एक मियां बीवी इतने बड़े बंगले में रहते हैं ।
अगर हम इन सारे अफसरों और नेताओं को कहें कि आप थोड़े छोटे बंगले में चले जाओ ताकि दिल्ली की जनता को पांव पसारने की जमीन  मिल जाये ,
तो क्या वो बंगले खाली करंगे ? नहीं करेंगे
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ऊपर दी गई कहानी'और विचार को केजरीवाल ने अपनी पुस्तक स्वराज में दिया है , जबकि केजरीवाल खुद हकीकत में क्या कर रहे हैँ उससे पता चलता है की उनकी कथनी और करनी में बहुत अन्तर है

जब केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने तो खुद अपने लिए बंगला बनवाने दौङ पङे
http://timesofindia.indiatimes.com/city/delhi/Arvind-Kejriwal-had-sought-two-5-bedroom-houses-documents-show/articleshow/29873789.cms (
Arvind Kejriwal had sought two 5-bedroom houses, documents show)



और आज जब की वह मुख्यमंत्री नहीं हैं तब भी दिल्ली का बंगला अपने पास रखे हुए हैं
http://www.ndtv.com/article/cities/arvind-kejriwal-moves-into-his-new-house-in-delhi-478235 (Arvind Kejriwal moves into his new house in Delhi)

http://www.ndtv.com/article/cities/delhi-arvind-kejriwal-overstays-in-official-bungalow-492431

Delhi: Arvind Kejriwal overstays in official bungalow


http://www.ndtv.com/article/cities/delhi-arvind-kejriwal-allowed-to-live-in-government-house-till-july-501595

Delhi: Arvind Kejriwal allowed to live in government house till July


Saturday, May 10, 2014

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Happy Mothers Day / मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनायें




मम्मा कितनी प्यारी होती,
जग में  सबसे  न्यारी होती.

सबसे  पहले  वह  उठ जाती,
मुझे जगा कर ब्रुश करवाती.
ब्रेकफास्ट मुझ को करवाकर,
फिर  स्कूल   छोड़ने   जाती.

आने पर स्कूल से माँ को
सारी  बातें  मैं  बतलाता.
मम्मी से स्टोरी सुनकर,
दुपहर को सोने मैं जाता.

माँ के साथ शाम को जाता,
और पार्क में  बॉल  खेलता.
रोज नये वो  खेल सिखाती,
जिनको सब के साथ खेलता.

मेरी मम्मा बहुत है अच्छी,
नयी  कहानी रोज  सुनाती.
उनकी बांहों पर सिर रखकर, 
मुझको है निन्ना आ जाती.

क्या  हम  छोटे  बच्चे करते,
गर मम्मा का साथ न होता.
जीवन  कितना  सूना  होता,
गर मम्मा का प्यार न होता********

माँ 
माँ तू आंगन मैं किलकारी,
माँ ममता की तुम फुलवारी।
सब पर छिड़के जान,
माँ तू बहुत महान।।

दुनिया का दरसन करवाया,
कैसे बात करें बतलाया।
दिया गुरु का ज्ञान,
माँ तू बहुत महान।।

मैं तेरी काया का टुकड़ा,
मुझको तेरा भाता मुखड़ा।
दिया है जीवनदान,
माँ तू बहुत महान।।

कैसे तेरा कर्ज चुकाऊं,
मैं तो अपना फर्ज निभाऊं।
तुझ पर मैं कुर्बान,
माँ तू बहुत महान।।

 

Kavita By -
-दीनदयाल शर्मा,
बाल साहित्यकार
10/22 आर.एच.बी. कॉलोनी,
हनुमानगढ़ जंक्शन-335512
राजस्थान, भारत

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हे  माँ ! हे माँ !
तेरे जैसा कोई नहीं !

तुम हमारे साथ   होती हो
जब हम उदास होते हैं ;
तुम अपनी मीठी  मुस्कान  से
हमें  प्रसन्न  कर देती हो ;
तुम कितनी प्यारी हो !
हमारे दिल की धड़कन हो !

हे माँ ! हे माँ !
तेरे जैसा कोई नहीं !
तुम हमेशा कहती हो आशा
का दामन  मत छोडो ;
जब हम भ्रमित होते हैं
तुम सही मार्ग दिखाती हो ;
तुम दीर्घजीवी हो !स्वस्थ हो !
शक्तिसंपन्न हो !

हे माँ ! हे माँ ! तेरे जैसा कोई नहीं !

                        शिखा कौशिक