Saturday, November 22, 2014

Breaking News वेतनभोगियों को टैक्स में राहत देने के संकेत

Breaking News वेतनभोगियों को टैक्स में राहत देने के संकेत

वित्तमंत्री जेटली ने कहा- मध्य वर्ग पर और बोझ लादना नहीं चाहती सरकार, आयकर छूट सीमा बढ़ सकती है


नई दिल्ली। अगले आम बजट में लोगों को करों में कुछ राहत मिल सकती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आगामी बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाने के संकेत देते हुए कहा कि वह वेतनभोगियों और मध्य वर्ग पर और अधिक बोझ डालने की बजाय अधिक से अधिक लोगों को कर दायरे में लाना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि टैक्स में छूट से उपभोक्ताओं के पास ज्यादा पैसा बचेगा और वे ज्यादा खर्च करेंगे, जिससे सरकार को अप्रत्यक्ष कर के रूप में ज्यादा राजस्व की प्राप्ति होगी।

वित्त मंत्री ने शनिवार को पीटीआई से बातचीत में कहा कि जहां तक आयकर की बात है तो उनका जोर कर दायरे में आने से बच रहे लोग को इसमें शामिल करने पर है। एक सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले बजट में उन्होंने कर छूट की सीमा दो लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की थी और अगर सरकार के राजस्व संग्रह की स्थिति ठीक रहती है तो वह इस दायरे को और बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि 2.5 रुपये तक की वार्षिक आय पर कर नहीं लगाने का मतलब यह है कि मानक कटौती को जोड़ लिया जाए तो एक आम व्यक्ति को 3.5 से 4 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर नहीं देना पड़ेगा। जेटली ने आगे कहा कि राजस्व संग्रह की स्थिति अच्छी रही तो सरकार कर छूट के दायरे को बढ़ाना चाहेगी।

अप्रत्यक्ष कर के सहारे भरपाई की कोशिश

•जेटली ने कहा कि कर देने से बच रहे लोगों को इस दायरे में लाने के लिए अभी कोई नीति नहीं है। ऐसे में अगर टैक्स अदा करने वाले लोगों को ज्यादा छूट देते हैं तो उनकी जेब में ज्यादा पैसा आएगा और खर्च की क्षमता बढ़ेगी। इससे अप्रत्यक्ष कर संग्रह व सरकार का राजस्व बढ़ेगा। इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।

वेतन भोगियों का दर्द ः

वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान कर नीति मुताबिक अगर कोई व्यक्ति 35 से 40 हजार रुपये प्रति माह कमाता है और वह अपनी आय का कुछ हिस्सा बचत योजनाओं में डालता है तो उसे कर देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन, इस आय वर्ग के लोगों का कहना है कि घर किराया या होम लोन की ईएमआई, परिवहन खर्च, बच्चों की स्कूल फीस आदि को देखते हुए 35 से 40 हजार रुपये की आय में कुछ भी नहीं बच पाता है। बचत कहां से होगी।

•ज्यादा से ज्यादा लोगों को टैक्स दायरे में लाने की कोशिश करेगी सरकार

पिछले बजट में कर छूट की सीमा दो लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये की गई थी और अगर सरकार के राजस्व संग्रह की स्थिति ठीक रहती है तो इस दायरे को और बढ़ाया जा सकता है। - अरुण जेटली, वित्त मंत्री



BETET :खाली रह गये 471 पंचायत शिक्षकों के पद

BETET :खाली रह गये 471 पंचायत शिक्षकों के पद

गोपालगंज : जिला में शिक्षक नियोजन के लिये बार-बार शिविर लगाये गये. इसके बावजूद शिक्षक अभ्यर्थियों ने इसमें अपनी उत्सुकता नहीं दिखायी. सभी वर्ग के शिक्षकों के सैकड़ों पद 14 से 18 नवंबर तक लगे शिविर के दौरान खाली ही रह गये . जिले की पूरी पंचायतों के लिए नियोजन शिविर का आयोजन 18 नवंबर को किया गया था.

डीइओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 482 पंचायत शिक्षकों के पदों के लिए शिविर लगाया गया. काफी प्रयास के बावजूद मात्र 11 शिक्षकों का ही नियोजन पंचायत शिक्षक पद पर हुआ है तथा 471 पंचायत शिक्षक के पद खाली ही रह गये.


News Sabhaar : Prbhat Khabar (Publish Date: Nov 21 2014 6:02PM | Updated Date: Nov 22 2014 2:11AM)

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BIHAR : MORE THAN 800 FORGED / FAKE DEGREE TEACHER ALONE IN KHAGARIYA ONLY

खगडि़या के विद्यालयों में आठ सौ से अधिक हैं फर्जी शिक्षक
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खगड़िया, संवाद सूत्र: खगड़िया के 1059 प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में आठ सौ से अधिक फर्जी शिक्षक आज भी कार्यरत हैं। यह बात नहीं है कि इसकी भनक विभाग को नहीं है। मगर मजबूत कार्रवाई नहीं होने से हर साल विभाग के खाते से 12 करोड़ रूपये से अधिक की अवैध निकासी हो रही है। विभिन्न स्तरों पर नियोजित शिक्षकों में सैकड़ों शिक्षकों की डिग्री अवैध बताई गई है। सूत्रों की मानें तो नियोजन से पहले ही नियोजन इकाईयों को 84 से अधिक शिक्षण संस्थानों की सूची उपलब्ध कराते हुए ऐसे डिग्रीधारी को नियोजन में शामिल नहीं करने के निर्देश दिए गये थे। मगर इस आदेश को नजर अंदाज कर अधिकांश नियोजन इकाईयों द्वारा अवैध डिग्रीधारी का ही नियोजन कर लिया गया। ऐसा नहीं, कि यह मामला शासन प्रशासन के संज्ञान में नहीं है। वर्षो पूर्व डीएम के निर्देश पर गठित टीम द्वारा मामले की तहकीकात की गई। तत्कालीन वरीय उपसमाहर्ता, डीएसई, एडीपीसी पंचायत सचिव सबों ने जांच के दौरान फाइल पर हस्ताक्षर बनाया था कि 129 पंचायत के नियोजन में अधिकांश द्वारा फर्जी बहाली की गईनियोजन रद्द करने की अनुशंसा डीएम से की गई थी, मगर डीएम के पास फाइल पहुंचने से पहले ही गायब हो गई। मिली जानकारी के अनुसार इसके बाद की तिथि में भी नियोजन की प्रक्रिया अपनाई गई। बेलदौर, परबत्ता, अलौली, गोगरी जैसे प्रखंडों में अवैध डिग्री पर अधिकांश अभ्यर्थियों की बहाली कर ली गई और हर साल उस नाम से 12 करोड़ के करीब रूपये की फर्जी निकासी हो रही है। परंतु विभाग डिग्रियों की जांच कराने में विफल साबित हो रही है। दूसरी तरफ सरकारी धन की लूट जारी है।

क्या कहते हैं डीईओ

जिला शिक्षा पदाधिकारी श्यामबाबू राम का कहना है कि ऐसे संस्थानों से प्रमाण पत्र सत्यापन को लेकर सभी बीईओ को निर्देश दिए गये हैं। सत्यापन के दौरान डिग्री फर्जी पाई गई तो ऐसे शिक्षक के नियोजन को रद करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

News Sabhar : Jagran (Publish Date:Fri, 14 Nov 2014 06:48 PM (IST) | Updated Date:Fri, 14 Nov 2014 06:48 PM (IST))


शिक्षक भी सुधार लाएं

शिक्षक भी सुधार लाएं



स्थानीय संपादकीय: बिहार Ke Sojanya Se :-
प्राथमिक शिक्षकों का आर्थिक स्तर सुधरे, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए टीईटी पास और प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को ही भर्ती किया जा सके, महिला शिक्षकों को मनपसंद जगह तैनाती मिले और नियोजन में मेधा सूची को प्राथमिकता दी जाए आदि बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार एक बार फिर प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन के लिए नियमावली में संशोधन कर रही है। जिस तरह सरकार शिक्षा के क्षेत्र में आने वालों को ज्यादा से ज्यादा लाभ देने के लिए नियमों में शिथिलता बरतने जा रही है, इसे देखते हुए शिक्षक अभ्यर्थियों को भी नियोजन के बाद कर्तव्यों के प्रति सजग रहने के बारे में सोचना पड़ेगा। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर कैसा है! पिछले दिनों एक टीवी चैनल ने सरकारी शिक्षकों से क्लास के दौरान उनके अंग्रेजी और सामान्य ज्ञान के बारे में पूछा तो जो जवाब आए वो हास्यास्पद तथा शर्मसार करने वाले थे। महिला शिक्षकों ने नीतीश कुमार और लालू प्रसाद को बिहार का प्रधानमंत्री तक बता दिया था। देखा जाए तो प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन के मामले में बड़ी कमजोरी सरकार के स्तर से भी है। सरकार अब तक कोई ऐसा सिस्टम ही नहीं बना सकी है जिससे प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में कायदे के लोग आ सकें। पिछले कुछ सालों से चल रही संविदा पर नियोजन की प्रक्रिया ने और बंटाधार किया है। इससे स्थानीय स्तर के लोगों की ही नियोजन में रुचि रहती है। अधिकतम योग्य लोग पढ़ाने के लिए निजी स्कूलों में जाना ज्यादा पसंद करते हैं

मांझी सरकार ने 74 हजार नए प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति की तैयारी शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक शिक्षक नियोजन नियमावली-2006 में संशोधन का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। प्रस्तावित नियमावली में वर्ष 2006 और उसके बाद नियोजित महिला शिक्षकों पर खास फोकस है। जो शिक्षिकाएं अपनी मनपसंद जगहों पर जाना चाहती हैं, उन्हें नए नियोजन में प्राथमिकता देने का प्रस्ताव है, लेकिन ऐसी शिक्षिकाओं को मनपसंद जगहों पर जाने के लिए नए सिरे से नियोजन के लिए आवेदन करना होगा। चयनित अभ्यर्थियों की मेधा सूची के पैनल में मनपसंद जगह जाने के लिए आवेदन करने वाली शिक्षिकाओं को 10 अंकों का वेटेज मिलेगा, हालांकि नए सिरे से नियोजित शिक्षिकाओं को पूर्व में जो वेतन मिलता था, वही मिलेगा। शहीद सैनिकों की विधवाओं को भी नियोजन में 10 अंकों का वेटेज देने का प्रावधान नई नियमावली में हो रहा है। मेधा सूची को तैयार करने में प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का नाम पैनल में सबसे ऊपर होगा। इससे स्पष्ट है कि नियमावली में प्रशिक्षण सत्र को वरीयता दी जा रही है। टीईटी पास अभ्यर्थियों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार ने प्रस्तावित नियमावली में जो प्रावधान किया है उससे नए नियोजन में सिर्फ ट्रेंड एवं टीईटी पास अभ्यर्थी ही आवेदन कर पाएंगे। नई नियमावली में एक खास बात यह है कि अभी तक नियोजन इकाई में आवेदन लिए जाते थे, अब जिला स्तर पर आवेदन जमा करने का प्रावधान किया जा रहा है। इससे शिक्षा अधिकारियों पर स्थानीय नेताओं के पड़ने वाले दबाव को कम करने में मदद मिलेगी। नई नियमावली में नियोजन की बाधाओं को दूर करने की सरकार की मंशा तो दिखाई देती है, पर शिक्षा की गुणवत्ता का क्या होगा? यह सवाल फिलहाल अनुत्तरित है।

[स्थानीय संपादकीय: बिहार]

News Information Sabhaar : Jagran
Publish Date:Tue, 11 Nov 2014 06:23 AM (IST) | Updated Date:Tue, 11 Nov 2014 06:23 AM (IST)

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