BETET : अब काउंटर लगाकर बांटे जाएंगे शिक्षक नियोजन पत्र
पटना : अब काउंटर लगाकर चयनित शिक्षकों के बीच नियोजन पत्र बांटे जाएंगे। इसके लिए नवम्बर में सभी जिलों एवं प्रखंडों में कैंप लगेंगे। शिक्षा विभाग ने यह फैसला पंचायती राज संस्थाओं के नकारात्मक रवैये से आजिज आकर लिया है। 'दैनिक जागरण' ने इस मसले को खुलेआम किया था। 22 अगस्त से 25 अगस्त 2013 के दौरान इस पर चार किस्तों की सीरीज छापी गई थी। बहरहाल, सोमवार को इस मसले पर आयोजित राज्यस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के जरिये नियोजन प्रक्रिया सरल नहीं है। फिर भी हर हाल में दिसम्बर तक शिक्षक नियोजन को पूरा करना है। इसके लिए कैंप लगाए जाएंगे, जहां पर नियोजन इकाईयों के काउंटर बनाकर मेधा सूची के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा।
बैठक में शिक्षक नियोजन, वेतन भुगतान, विद्यालयों का निरीक्षण, मिशन गुणवत्ता के कार्यान्वयन व एसी-डीसी बिल के निराकरण आदि बारे में हरेक जिला शिक्षा अधिकारी ने अपनी- अपनी बातें रखीं। सभी अधिकारियों से शिक्षक नियोजन में देरी पर यही शिकायत मिली कि मुखिया, पंचायत सचिव, नगर परिषद एवं जिला परिषद के अध्यक्ष, नगर नगर निगम के मेयर द्वारा मेधा सूची का अनुमोदन से लेकर नियुक्ति पत्र वितरण तक में सहयोग नहीं मिल रहा है। हालांकि नियोजित शिक्षकों के नियत वेतन भुगतान करने में देरी, एसी-डीसी बिल एवं मिशन गुणवत्ता की प्रगति के मामले में कई जिला शिक्षा अधिकारियों का बेहद खराब प्रदर्शन भी उजागर हुआ। ऐसे अधिकारियों को प्रधान सचिव ने खूब डांट-फटकार लगाई। उन्होंने खुद में सुधार करने के लिए चेताया। कहा कि जिन्हें काम में रुचि नहीं है, उन्हें जाना होगा। खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में मुख्यालय की विशेष टीम जाकर कार्य कराएगी।'
प्रधान सचिव ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि शिक्षक नियोजन में सहयोग नहीं करने वाले जनप्रतिनिधियोंको 'एक्सपोज' करें। उनके रवैये बारे में परेशान अभ्यर्थियों को बताएं। ऐसे जनप्रतिनिधियों के नाम के बारे मीडिया को जानकारी दें, ताकि जनता जान सके कि शिक्षक नियोजन में देरी के लिए शिक्षा विभाग नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधि जिम्मेवार हैं
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